चार मित्र
बहुत समय पहले एक कछुआ, कौआ, चूहा और हिरण जंगल में रहते थे। वे बहुत अच्छे दोस्त थे। वे एक साथ खेलते हैं, एक साथ खाते हैं और हमेशा कठिन परिस्थितियों में एक दूसरे की मदद करते थे।
सुबह-सुबह वे सभी खाने की तलाश में अलग-अलग दिशा में निकल जाते थे। शाम तक वे तय स्थान पर मिलते थे। सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा था और वे बहुत खुश थे। एक दिन शाम को हिरण नहीं लौटा। इस कारण अन्य तीन दोस्त चिंतित होने लगे। कौए ने तय किया कि वह हिरण की तलाश में जाएगा और अन्य दो उसी स्थान पर इंतजार करेंगे ताकि अगर हिरण आए तो उनमें से कोई भी उसे इस बारे में सूचित कर सके।
हिरण की खोज में कौआ निकल गया। कुछ देर भटकने के बाद कौआ जाल में फसे हिरण की आवाज सुनता है। अपने दोस्त को असहाय हालत में देखकर वह बहुत उदास हो जाता है, लेकिन वह किसी भी कीमत पर अपने दोस्त की जान बचाना चाहता था इसलिए बिना समय गंवाए वह कछुए और चूहे के पास वापस चला गया। उसने उन्हें पूरी बात बताई और चूहे से कहा कि वह जल्द से जल्द हिरन के पास चले और अपने नुकीले दांतो से जाल को काट दे।
वे तीनों उस स्थान पर पहुंच जाते हैं, जहां हिरण फंसा हुआ था। चूहा जल्दी से जाल काटने लगता है और हिरण को मुक्त कर देता है। अचानक शिकारी मौके पर पहुंच जाता है। चूहे ने पहले शिकारी को देखा और अपने दोस्तों को वहां से भागने के लिए कहा। कौआ हवा में उड़ गया। चूहा पास वाली छेद में जाकर छिप जाता है; हिरण झाड़ियों के अंदर जाकर छिप जाता है परन्तु कछुआ न तो दौड़ सकता था और न ही छिपा सकता था अतः वह ज्यादा दूर भाग नहीं पाया। शिकारी ने कछुए को पकड़कर बोरी में डाल लिया और उसे उठा ले गया।
कुछ समय बाद, हिरण, कौआ और चूहा एक स्थान पर एकत्र हुए। कछुए के पकड़े जाने पर वे बहुत दुखी हुए। वे सोचने लगते हैं कि वे अपने दोस्त के जीवन को कैसे बचा सकते हैं, फिर अचानक कौवा को एक विचार मिला। उसने अपने दोस्तों को अपनी योजना बताई, नदी के किनारे चला गया और शिकारी की प्रतीक्षा करने लगा।
जैसे ही वे देखते हैं कि शिकारी नदी के किनारे आ रहा था, उनकी योजना के अनुसार हिरण मृत होने का नाटक करने लगा, कौवा हिरण की आँखों को बाहर निकालने का नाटक करने लगा और चूहा झाड़ियों में बैठकर सही वक़्त का इंतजार करने लगा। शिकारी नदी किनारे पहुंचता है और सड़क पर मृत पड़े हिरण को देखता है। शिकारी लालची हो गया और हिरण को पकड़ने के लिए आगे चला गया। जैसे ही शिकारी बोरी से दूर गया, चूहा बोरी के पास जाकर उसे कतरना शुरू कर देता है।
जैसे ही शिकारी हिरण के करीब पहुंचा कौआ उड़ गया, हिरण उठकर भाग गया। शिकारी को समझ ही नहीं आया कि क्या हो रहा था । अब तक चूहे ने बोरी काटकर कछुए को मुक्त कर दिया था। वे भी तुरंत झाड़ियों की ओर भागते हैं। शिकारी निराश होकर बोरी को लेने के लिए वापस आया तो पता चला कि बोरी नहीं थी और कछुआ भाग गया था। शिकारी परेशान होकर ये सोचने लगा कि अचानक यह सब कैसे हो गया। दूसरी ओर, कछुआ, हिरण, चूहा, और कौआ खुशी से फिर से रहने लगे।
शिक्षा - एकता की बहुत सकती होती है।
1 Comments
ReplyDeleteThat is a great tip particularly to those new to the blogosphere.
Short but very precise information… Many thanks for sharing this one.
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